Thursday, January 15, 2009

तेरी आँखों में आंसू , शायद मेरे होंगे ॥
सोचता हैं मेरा मन , की आप भी कभी रोएँ होंगे ॥

की दिल को सब कुछ पराया पराया सा लगे ।
अपने भी जब हमसे कतराया करें ॥

की देंखे न वो हमें , आसान हैं ये मगर ।
देखते अनजान होकर , ख़ुद हम खुदाया लगे ॥

खिलौने हैं हम, खूब खेला करे आप हमसे,
पर टूटे जो हम अगर, दो बूंदे बेवफा हमसे ...

तेरी आँखों में आंसू , शायद मेरे होंगे ॥
सोचता हैं मेरा मन , की आप भी कभी रोएँ होंगे ॥

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